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मुस्कान

इश्क़-ए-इज़हार

मोहब्बत

हूबहू मीर तक़ी मीर

तुम्हें लिखें हुए

जब गिर के संभला मैं

जाने दिल ये क्यों कहे रहा ...............

तुझको आभार

वाह क्या वफ़ा है

हैं हम कुछ अनोखे

इज़हार -ए -मोहब्बत

वाह क्या बात है!

ड़र लगता है