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दावते इश्क में यूँ वफ़ा कीजिये 
बस यूँ ही मिलते रहा कीजिये

मैं आऊंगा तेरी कब्र पर अब अक्सर
जाते वक़्त भी मुस्कुराते रहा कीजिये

इक सूरज है जिसका लशकर पेचीदा है
सुनो तुम गम में भी मुस्कुराते रहा कीजिये


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