इज़हार -ए -मोहब्बत

आँखों में कजरा बालों में गजरा
हाय ये काली बिंदी वाला चेहरा

तुम यूँ ना जुल्फें सवारों अब
अब ये दिल मचल रहा है मेरा

हाय ये बातें याद रहेगी हमको
कानो में झुमका होगा नाम का मेरा

हाँ थोडा अलग है मेरा तुम्हारा प्यार
ये नजाकत भी करेगी अब इंतज़ार तेरा

हाँ मैं सब कुछ छोड़ कर ये एलान करता हूँ
ये इश्क़ दोस्ती, वफ़ा ही नहीं प्यार हूँ तेरा
गौतम रहबर 

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