सब कुछ है तक़दीर में................



सब कुछ है तक़दीर में................


सब कुछ है तक़दीर में , बस तेरा साथ नहीं है 
दिन रात की बेरुखी में , चैन की कोई  घड़ी नहीं है| 

मेरा निकल गया समय तूझे ढूंढने में 
तेरा एतबार तो किया मगर इंतज़ार नहीं  है| 

मेरी खुशियों की सज़ा अब मौत ही सही 
इसके सिवा अब  कोई अरमान नहीं है 

खुश हो गया है वह तेरे दो मीठे बोल सुनकर 
झूम उठा है वो पागलपन में , लेकिन वह पागल नहीं है 

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